20 मार्च को यूजीसी ने देशभर के 62 शिक्षण संस्थानों को स्वायत्तता देने की घोषणा कर दी. छात्र व शिक्षक इस फैसले के विरोध में आ गए. अकादमिक दुनिया में इसे शिक्षा के निजीकरण के तरफ एक बड़ा कदम बताया जा रहा है वहीं सरकार से जुड़ा एक पक्ष इस फैसले को ऐतिहासिक बता रहा है.
इस न्यूज़लॉन्ड्री सारांश में हम दर्शकों को यूजीसी व शिक्षण संस्थानों के बीच रार की वजहों को समझने की कोशिश करेंगे. क्या यह छात्रों के हित में है या सरकारें खुद को जबावदेही से मुक्त करने की कोशिश में हैं?