बीता पूरा हफ़्ता काफ़ी उठापटक भरा रहा. चर्चा में उन्हीं में से कुछ विषयों पर विस्तार से बात की गई. इस हफ़्ते की सबसे महत्वपूर्ण घटना रही, भारत और पाकिस्तान के हवाई हमलों के बाद पैदा हुआ तनाव. पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की थी. बदले में पाकिस्तान ने भारत की हवाई सीमा का उल्लंघन किया. भारत- पाकिस्तान के बीच पैदा तनाव की वजह से एक और महत्वपूर्ण घटना जो उस तरह से सुर्ख़ियों में न आ सकी, वह अरुणाचल प्रदेश में वहां के स्थानीय निवासियों द्वारा किया गया बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन है. टकराव की वजह वहां पर ऐसे छः समुदायों को ‘स्थानीय निवासी प्रमाणपत्र’ देने की सिफ़ारिश थी जो मूल रूप से अरुणाचल के निवासी नहीं हैं, लेकिन दशकों से नामसाई और चांगलांग जिलों में रह रहे थे.
तीसरी घटना जो इस हफ़्ते चर्चा का विषय रही, वह है 13 से ज़्यादा चैनलों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा नोटिस जारी किया जाना. इन चैनलों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल गफूर की उस प्रेस कांफ्रेंस को लाइव दिखाया. जिसमें वो भारत को हमले का जवाब देने की धमकी दे रहे थे. सरकार का इस पर कहना रहा कि यह ग़लत परम्परा है, इससे देश की एकता और अखंडता पर संकट पैदा हो सकता है.
इस हफ्ते चर्चा में ‘द ट्रिब्यून’ की डेप्युटी एडिटर स्मिता शर्मा बतौर मेहमान शिरकत की. साथ ही चर्चा में हमारे साथ लेखक-पत्रकार अनिल यादव भी शामिल हुए. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल ने एक सवाल रखा कि ऊरी हमले के बाद पिछला जो सर्जिकल स्ट्राइक हुआ और अब ये जो इंडियन एयरफोर्स ने किया है, इससे क्या वह धारणा टूट गई है कि न्यूक्लियर पॉवर रहते हुए भी इस तरह की परिस्थितियां आने पर या किसी तरह की क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म की स्थिति में हम पाकिस्तान को जवाब दे सकते हैं? या हम न्यूक्लियर पॉवर होते हुए भी एक लिमिटेड लेवल पर एक दूसरे से कॉन्फ्रंट कर सकते हैं?
इसका जवाब देते हुए स्मिता ने कहा कि अगर आप न्यूक्लियर डेटरेंस की बात करते हैं तो न्यूक्लियर डेटरेंस क्या है? इस कांसेप्ट को लेकर बहुत चर्?