इस हफ्ते की चर्चा बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी सोमेश झा की रिपोर्ट के इर्द गिर्द सिमटी रही. इसके मुताबिक मौजूदा समय में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है. बीते 45 वर्षो में यह सबसे ऊंचे स्तर पर जाकर करीब 6.1% तक पहुच गई है. नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस का लेबर फोर्स सर्वे 2017-18 का यह आंकड़ा है. इससे पहले ही नेशनल स्टैटिस्टिकल कमीशन यानी राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो गैर सरकारी सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया. इनके नाम पीसी मोहनन और जीवी मिनाक्षी हैं. इसके साथ ही अब एनएससी में सिर्फ एक सदस्य नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत शेष रह गए हैं. इसके अलावा भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिज़ का लंबी बीमारी के बाद निधन, कोबरापोस्ट की एक खोजी पड़ताल जिसमें उन्होंने लोनदाता कंपनी एडीएफएल द्वारा करीब 31000 करोड़ की हेराफेरी का दावा और राहुल गांधी की घोषणा जिसमें उन्होंने न्यूनतम आय की गारंटी योजना लागू करने का वादा किया है. साथ में भाजपा के मंत्री नितिन गडकरी का बयान और आईसीआईसीआई बैंक की मुखिया रही चन्दा कोचर के ऊपर सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया एफआईआर भी इस चर्चा के केंद्र में रहे.
इस बार की चर्चा में बतौर मेहमान एशियाविल वेबसाइट के पत्रकार दिलीप खान हमारे साथ जुड़े. इससे पहले वो राज्यसभा टीवी से जुड़े थे. साथ ही न्यूज़लॉन्ड्री के विशेष संवादाता बसंत कुमार और न्यूज़लॉन्ड्री के स्तंभकर आनंद वर्धन भी चर्चा में शामिल हुए. चर्चा का संचालन हमेशा की तरह न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.
चर्चा की शुरुआत राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के आकड़ों से जुड़े विवाद से हुई अतुल ने कहा, “दो दिन पहले राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग से जुड़े दो अंतिम गैर सरकारी सदस्य पीसी मोहनन और जेवी मिनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया. इनका आरोप था कि सरकार बेरोजगारी से जुड़े आंकड़े दबा कर बैठी है, जारी नहीं कर रही है. इसके साथ ही अब राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग निष्क्रिय संस्था बन गया है. राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग देश में तमाम तरह के बेरोज़गारी और अन्य आर्थिक संबंधी आंकड़ों को तैयार करने वाली ज़िम्मेदार संस्था है. माना जाता है कि दुनिया भर में आंकड़ों को इकट्ठा करने वाली गिनी चुनी संस्थाओं में से भारत की राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग को गिना जाता था. जवाहर लाल नेहरू विश?