पापमोचनी एकादशी का व्रत 18 मार्च दिन शनिवार को है. इस व्रत को करने से मनुष्यों के जन्म-जन्म के पाप धुल जाते हैं. हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. एक बार धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से पापमोचनी एकादशी व्रत के बारे में बताने को कहा. तभी श्रीकृष्ण ने उनको पापमोचनी एकादशी व्रत की विधि और महत्व को उस कथा के माध्यम से बताया, जिसे ब्रह्म देव ने नारद मुनि को सुनाई थी. चलिए आपको बताते हैं पापमोचनी व्रत की कथा.
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