Jyeshtha Purnima 2023: हिंदू धर्म में पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं. इस व्रत में सुहागिनें बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. यह व्रत ज्येष्ठ माह में 15 दिन के अंतराल में दो बार रखा जाता है. पहला ज्येष्ठ माह की अमावस्या और दूसरा पूर्णिमा तिथि को रखा जाता है. भारत के कई क्षेत्रों में महिलाएं ज्येष्ठ की अमावस्या पर और कुछ क्षेत्रों में पूर्णिमा पर वट सावित्री का व्रत रखती हैं. दोनों व्रत में पूजा-पाठ करने का विधान, कथा, नियम और महत्व एक जैसे ही होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं वट सावित्री पूर्णिमा की तिथि, पूजा मुहूर्त और महत्व..
Jyeshtha Purnima 2023: In Hinduism, for the long life of the husband and unbroken good fortune, women keep the fast of Vat Savitri. In this fast, the banyan tree is worshiped by the married women. This fast is observed twice in the month of Jyestha at an interval of 15 days. The first is kept on the new moon day of Jyeshtha month and the second on the full moon date. In many regions of India, women keep Vat Savitri fast on the new moon day of Jyestha and in some areas on the full moon day. The method, story, rules and importance of worshiping in both the fasts are the same. In such a situation, let us know the date, worship time and importance of Vat Savitri Purnima.
#VatSavitriPurnima2023DateTime
~PR.111~ED.120~HT.178~