Vat Purnima Vrat 2023: वट पूर्णिमा व्रत के पीछे वैज्ञानिक कारण |वट सावित्री पूर्णिमा वैज्ञानिक महत्व

Boldsky 2023-06-02

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पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 03 जून 2023 को सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर आरंभ होगी और पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 04 जून 2023 को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर होगी. शुभ (उत्तम)- सुबह 07.16 - सुबह 08.59 चर (सामान्य) - दोपहर 12.19 - दोपहर 02.03.वट अर्थात बरगद का पेड़. हिंदू धर्म में कहा गया है कि वट के पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है. मान्यता है इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करने से पति की अकाल मृत्यु टल जाती है. सुहाग पर आने वाले सभी संकटों का नाश होता है. स्त्रियां इस दिन वट वृक्ष की परिक्रमा कर उसके चारों ओर कलावा बांधती हैं. कहते हैं इससे पति की लंबी आयु और संतान प्राप्ति की कामना फलित होती है. वीडियो में जानें वट पूर्णिमा व्रत 2023: वट पूर्णिमा व्रत के पीछे वैज्ञानिक कारण | वट सावित्री पूर्णिमा वैज्ञानिक महत्व..

Vat means banyan tree. It is said in Hinduism that Brahma, Vishnu and Mahesh reside on the banyan tree. It is believed that worshiping the banyan tree on this day averts the untimely death of the husband. All the troubles that come on Suhaag are destroyed. On this day women circumambulate the banyan tree and tie Kalava around it. It is said that by doing this, the long life of the husband and the desire to have children come true. Watch Video and Know Vat Purnima Vrat 2023: Vat Purnima Vrat Ke Piche Vaigyanik Karan | Vat Savitri Purnima Scientific Reason...

#VatSavitriPurnima2023
~PR.111~ED.120~HT.178~

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