दूसरे दिन भी खूब बरसे बदरा, शहर के कई इलाके जलमग्न

Patrika 2024-10-17

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भारी बारिश ने शहर को बुधवार को भी पानी-पानी कर दिया। कई इलाके जलमग्न हो गए। अधिकारियों ने ट्रैक्टरों की मदद से प्रभावित निवासियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया। मौसम विभाग ने गुरुवार को लगातार बारिश होने का अनुमान लगाया है।
बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने यलहंका इलाके के निवासियों की मदद के लिए केंद्रीय विहार अपार्टमेंट में दो ट्रैक्टरों की व्यवस्था की है। मंगलवार शाम को एक हेल्प डेस्क स्थापित किया गया था। पेयजल, दूध, ब्रेड और बिस्कुट जैसी आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने की व्यवस्था की गई है।

बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ ने सुबह जलमग्न इलाकों और अपार्टमेंट परिसरों का दौरा किया। समस्या को कम करने के लिए उठाए गए कदमों की निगरानी की।
उन्होंने केंद्रीय विहार अपार्टमेंट का भी दौरा किया, जहां लगभग 3 फीट पानी जमा हो गया था। उन्होंने अधिकारियों को समस्या को हल करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि निवासियों को अपार्टमेंट परिसर में प्रवेश करने और बाहर निकलने में मदद करने के लिए दो ट्रैक्टरों की व्यवस्था की गई है। 20 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी समस्या के समाधान और राहत कार्यों में लगे हैं। पंप की मदद से पानी बाहर निकाला जा रहा है। गिरिनाथ ने बताया कि जल निकासी की सुविधा के लिए निजी भूमि पर एक स्थाई नाले का निर्माण जारी है।

केंद्रीय विहार अपार्टमेंट के अधिकांश निवासी सेवानिवृत्त केंद्रीय सरकारी कर्मचारी है। यलहंका झील के बिल्कुल नजदीक स्थित होने के कारण यहां के निवासियों को अक्सर बाढ़ का सामना करना पड़ता है।
गिरिनाथ ने रमणश्री कैलिफोर्निया लेआउट का भी दौरा किया और अधिकारियों को पानी बाहर निकालने का निर्देश दिया।

मीडिया से बात करते हुए गिरिनाथ ने कहा, सोमवार से मंगलवार तक 30 मिमी बारिश हुई। मंगलवार को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक करीब 60 मिमी से 70 मिमी बारिश दर्ज की गई। 14 से 17 अक्टूबर के बीच बेंगलूरु में केवल 33 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। सिंचाई नहरों को तूफानी जल निकासी नालियों में बदल दिया गया है। बाहरी इलाकों में हाल ही में हुए निर्माण ने इन जल निकासी प्रणालियों को संकीर्ण कर दिया है।
बेंगलूरु के उत्तरी हिस्से में भारी बारिश हुई है। सभी झीलें भर गई हैं और पानी के ओवरफ्लो होने से समस्या पैदा हुई है। हर साल यह समस्या होती है। हम यलहंका में जलमग्न निचले इलाकों से पानी निकालने के उपाय कर रहे हैं।

गिरिनाथ ने बारिश को लेकर बुधवार सुबह एक वर्चुअल बैठक की। सभी अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के निर्देश दिए। अधिकारियों से मौके पर स्थिति का आकलन करने और स्थाई समाधान खोजने की दिशा में काम करने को कहा।

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