आयुर्वेद में चावल को "शीतल" प्रकृति का माना गया है। इसका अर्थ है कि यह शरीर को ठंडा करता है और यदि इसे सही तरीके से न खाया जाए, तो यह कफ दोष को बढ़ा सकता है। कफ दोष शरीर में बलगम की मात्रा को नियंत्रित करता है। यदि कफ असंतुलित हो जाता है, तो यह खांसी, जुकाम और बलगम जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
In Ayurveda, rice is considered to be of "cool" nature. This means that it cools the body and if not consumed properly, it can aggravate Kapha dosha. Kapha dosha controls the amount of mucus in the body.If Kapha becomes unbalanced, it can cause problems like cough, cold and mucus.
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