भगवद गीता अध्याय 2 – ज्ञान, कर्तव्य और आत्मा का स्वरूप | Bhagavad Gita Chapter 2 Explained in Hindi

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भगवद गीता अध्याय 2 – ज्ञान, कर्तव्य और आत्मा का स्वरूप | Bhagavad Gita Chapter 2 Explained in Hindi

🙏 स्वागत है इस प्रेरणादायक वीडियो में, जहाँ हम भगवद गीता अध्याय 2 (Sankhya Yoga) के गहन ज्ञान को समझेंगे।
इस अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को जीवन का वास्तविक मार्ग दिखाते हैं—कर्तव्य का पालन करना, आत्मा के अमर स्वरूप को पहचानना, निष्काम कर्म का पालन करना और समत्व योग से आंतरिक शांति प्राप्त करना।

✨ मुख्य बिंदु:

कायरता छोड़कर अपने कर्तव्य का पालन करना

आत्मा का अमर और अविनाशी स्वरूप

निष्काम कर्म का सिद्धांत (फल की चिंता बिना कर्म)

सुख-दुःख में समता (योग का मार्ग)

इच्छाओं और क्रोध से ऊपर उठना

स्थिर बुद्धि का महत्व

🌸 यह ज्ञान आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना महाभारत के युद्धक्षेत्र में था।
Arjuna’s awakening inspires us all to rise above fear, desires and confusion, and walk on the path of wisdom and peace.

👉 वीडियो पूरा देखें और भगवान कृष्ण की दिव्य शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएँ।
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