उमरिया में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक अतिथि शिक्षक ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। जिले के चंदिया महविद्यालय में अतिथि शिक्षक संजय पासवान पिछले 6 साल से बतौर अतिथि शिक्षक क्रीड़ा अधिकारी के रूप में काम कर रहे थे। लेकिन पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिला। पूरा परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। न खाने के पैसे थे न बच्चों की फीस जमा कर पा रहे थे। अपने परिवार को इस तरह परेशान होता देख संजय डिप्रेशन में आ गए और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पत्नी की माने तो संजय गुमसुम रहने लगे, वेतन न मिलने का तनाव उनके चेहरे पर साफ देखा जा सकता था। अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण आंदोलन में भी संजय का भी खासा योगदान था और उन्होंने एक हफ्ते तक भोपाल में आंदोलन की कमान संभाली थी। वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि बजट की कमी से संजय सहित किसी भी अतिथि शिक्षक को वेतन नही दिया गया। घटना के बाद पुलिस और प्रशासन के लोग मौके पर पहुंच गए हैं और परिवार को ढाढ़स बंधाने में जुटे है लेकिन पीड़ित परिवार का भविष्य क्या होगा इसका जबाब किसी के पास नही।