बीते लगभग 2 हफ्ते से जारी प्रदेश के सियासी घमासान का पटाक्षेप आज कमलनाथ के इस्तीफे के साथ हो गया है। जहां एक और कॉन्ग्रेस इस पूरे घटनाक्रम को लोकतंत्र की हत्या करार दे रही है तो वहीं भाजपा इसे कमलनाथ सरकार द्वारा विधायकों की अनदेखी और एकला चलो रे की नीति का हश्र बता रही है। कमलनाथ के इस्तीफे के साथ साफ हो गया है कि जल्द ही अब प्रदेश में भाजपा की सरकार काबिज होगी। प्रदेश में 18 महीने बाद दोबारा सत्ता की ताजपोशी से भाजपा समर्थक खासे खुश नजर आ रहे हैं, हालांकि देश में पैर पसार रहे कोरोना वायरस को लेकर पीएम मोदी द्वारा जारी किए गए सर्कुलर की वजह से भाजपा समर्थक अपनी खुशी जाहिर करने के लिए जश्न नहीं मनाएंगे। इंदौर के भाजपा नगर अध्यक्ष गोपी नेमा के मुताबिक कमलनाथ सरकार ने जहां जनता के हित में कोई फैसला नहीं लिया वही प्रदेश की जनता कांग्रेस के तबादला उद्योग से भी परेशान थी। अनदेखी से नाराज विधायकों ने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया है। नेमा का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ता प्रदेश में भाजपा की वापसी से बेहद उत्साहित है। वही सांवेर सीट से भाजपा के पूर्व विधायक राजेश सोनकर ने कांग्रेस के पूर्व विधायक तुलसी सिलावट का समर्थन करते हुए कहा है कि यदि तुलसी सिलावट भाजपा की सदस्यता लेते हैं और पार्टी द्वारा उन्हें उपचुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित किया जाता है तो वे पार्टी के निर्देश अनुसार सिलावट के समर्थन में काम करेंगे।