कौन बनेगा करोड़पति आप ने देखा है। निश्चित रूप से देखा ही होगा। उसके पहले सीजन से ही प्रतियोगी को एक करोड़ जीतने के लिए तीन लाइफलाइन मिला करती थी। जब कार्यक्रम में पैसा की रकम बढ़ी। स्वरूप बदला लेकिन लाइफलाइन जारी है। दामिनी में सनी देओल का तारीख पर तारीख वाला डायलाग भी सुना होगा। कुछ ऐसा ही खेल अब निर्भया केस ( Nirbhaya Gangrape Case ) में भी हो रहा है। निर्भया ( Nirbhaya Rape Murder Case ) के गुनहगार मौत का फंदा दूर रखने के लिए योजनाबद्ध तरीके से तारीख पर तारीख लिए जा रहे हैं। कानून की हर पेंचदगी का फायदा पूरी तरह से यह उठा रहे हैं। दुनिया को इस बात से भी तस्दीक करा दे रहे हैं कि आखिर कितनी कमजोरियां अभी बची हुई हैं। भले ही कानून में बदलाव कर दिया गया है। बड़ी बात यह है कि सभी को एक साथ दी जानी है क्योंकि गुनाह इन्होंने एक साथ किया है लेकिन गुनहगार कोई भी अर्जी एक साथ नहीं लगा रहे हैं। यही अर्जीयां उनके फांसी के फंदे से मौत तक के रास्ते को लंबा कर रही हैं और दिन की अगर बात करें तो जिस तरीके से यह गुनहगार रास्ता बदल रहे है। उससे ( Nirbhaya Case Hearing ) फांसी में 40 दिनों की देरी है।