Nirbhaya Case Latest Update: अब नहीं टलेगी निर्भया के दोषियों की फांसी

Patrika 2020-04-07

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सात साल से ज्यादा समय से निर्भया ( Nirbhaya Gangrape ) को न्याय मिलने की उम्मीद अब पूरी होगी। जानकारों की मानें तो अब ऐसा कोई विकल्प आरोपियों के पास नहीं बचा है कि उनकी यह फांसी टल जाए। आपको बता दें कि इन चारों दोषियों को 20 मार्च की सुबह फांसी होनी है। बताया जा रहा है कि फांसी की तैयारियां ति हाड़ जेल प्रशासन ने पूरी कर ली है। इसके लिए जल्लाद पवन को भी यहां बुलाया जा चुका है। फांसी से पहले होने वाली डमी फांसी की रिहर्सल भी हो चुकी है। हालांकि इस बीच कई पैंतरे आरोपियों और उनके वकील की ओर से आजमाएं जा रहे हैं, लेकिन कोर्ट लगातार ऐसी याचिकाओं को खारिज कर रहा है। इसी क्रम में निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह की मौत की सजा को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका को भी दिल्ली की अदालत रद्द कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। अब जबकि मुकेश पर यह दोष साबित हुए ही सात साल बीत गए, 2013 में ही उसे इसमें दोषी पाते हुए सेशन न्यायालय ने फांसी की सजा सुना दी थी, उसके बाद भी अब लगाई गए इस याचिका में मुकेश को निर्दोष बताया जा रहा है। कहा गया कि मुकेश 16 दिसंबर को दिल्ली में मौजूद नहीं था, जब यह अपराध हुआ था। लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि दोषी मुकेश की मौत की सजा के खिलाफ दायर यह याचिका बेमतलब है और यह सजा की तामील में विलंब कराने का एक तिकड़म है। इतना ही नहीं याचिका में यह भी आरोप लगाया कि मुकेश सिंह को तिहाड़ जेल के भीतर प्रताड़ित किया गया। ऐसी सभी याचिकाएं एक के बाद एक कोर्ट की ओर से खारिज की जा रही है। आपको बता दें कि पांच मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले के चार दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी किया जा चुका है। हालांकि दोषियों के वकील एपी सिंह इस फांसी को टालने के लिए अंतरराष्ट्रीय कोर्ट यानी आईसीजे तक पहुंच गए। फांसी रोकने की एक याचिका वहां भी लगाई गई है। जानकारों की मानें तो आईसीजे इस तरह के मामलों को नहीं देखता है और वहां याचिका दायर करने का असर इस फांसी पर नहीं पड़ेगा। वहीं दो षी अक्षय ठाकुर ने राष्ट्रपति के आगे एक बार फिर दया याचिका लगाई है, लेकिन यह भी खारिज होनी है। यानी 20 मार्च को इन चारों दोषियों की फांसी को अब तय माना जा रहा है।

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