चीन ने कहा कि कोरोना वायरस सीफूड मार्केट के जरिए नहीं, बल्कि उसकी प्रयोगशाला के जरिए इंसान में पहुंचा। चीन की इस बात में कितना दम है यह तो समय बताएगा, लेकिन यहां कुछ सवाल सहज रूप से खड़े होते हैं। पहला यह कि आखिर यह वायरस चीन की प्रयोगशाला में क्या कर रहा था। चीन के प्रयोगशाला में यह वायरस क्यों पहुंचा। हालांकि, चीन ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि यह प्रयोगशाला किस चीज की है। या यह किस तरह की प्रयोगशाला है। अभी इस रहस्य से पर्दा उठना शेष है।बता देंं कि चीन के वुहान शहर में शुरू हुए कोरोना वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। कोरोना वायरस से चीन में अब तक 425 लोगों की जानें जा चुकी है। 20 हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में हैं। कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। अब यह बीमारी महामारी का रूप अख्तियार कर चुकी है। ऐसे में चीन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि यह वायरस सीफूड मार्केट से नहीं, बल्कि उसकी प्रयोगशाला से आया है। कोराना वायरस का संक्रमण केंद्र कहे जा रहे हुनान सीफूड मार्केट के निकट है। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरललॉजी नेशनल बायोसेफ्टी लैब घातक वायरसों पर शोध करती है। वुहान नेशनल बायोसेफ्टी लेबोरेटरी हुनान सीफूड मार्केट से सिर्फ 32 किलोमीटर दूर है। यह लैब लेवल 4 सर्टिफाइड भी है। वायरस की उत्पत्ति को लेकर तमाम रिपोर्ट्स में सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन चीन की सरकार ने इस पर चुप्पी साध रखी है। कोराना वायरस का संक्रमण केंद्र कहे जा रहे हुनान सीफूड मार्केट के निकट है। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी नेशनल बायोसेफ्टी लैब स्थित है जो इबोला और अन्य घातक वायरसों पर शोध करती है। वुहान नेशनल बायोसेफ्टी लेबोरेटरी हुनान सीफूड मार्केट से सिर्फ 32 किलोमीटर दूर है। यह लैब लेवल 4 सर्टिफाइड भी है।