शामली कें कांधला कस्बे के राजकीय अस्पताल में गर्भवती महिला काफी देर तक रेहड़े में पड़ी तड़पती रहीं। परिजनों के हंगामा करने के बाद महिला चिकित्सकों ने पीड़िता को मुजफ्फरनगर के लिए रेफर कर दिया। पीड़िता ने रास्ते में हीं नवजात को जन्म दिया। जन्म देने के कुछ देर बाद हीं नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने गमगीन माहौल में नवजात के शव को दफना दिया।कस्बे के मोहल्ला खैल निवासी जमील की पुत्री शहजादी अपने पति के साथ शादी के बाद से हीं अपने मायके में रह रहीं है। महिला नौ माह की गर्भवती थी। बुधवार को महिला को प्रसव पीड़ा होने पर महिला का पिता और मां महिला को रेहड़े में डालकर कस्बे के राजकीय अस्पताल पहुंचे, और महिला को अस्पताल में भर्ती कराया। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि महिला स्टाफ नर्स ने कुछ हीं देर बाद महिला की हालत खराब होने के साथ हीं अस्पताल में संसाधनों की कमी का हवाला देकर इलाज करने से मना कर दिया। महिला के मजबूर माता पिता ने महिला को रेहड़े में डाल लिया, और रेफर स्लिप का घंटो इंतजार करते रहे। इसी बीच महिला की हालत बिगड़ गई। परिजनों के हंगामा करने के बाद महिला चिकित्सक ने पीड़िता को मुजफ्फरनगर के लिए रेफर दिया। पीड़ित परिजन पीड़िता को 102 ऐंबुलेंस में डालकर मुजफ्फरनगर के लिए चल दिए। रास्ते में हीं महिला ने एक नवजात को जन्म दिया। जन्म देने के कुछ देर बाद हीं नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने घर पहुंचकर गमगीन माहौल में नवजात के शव को दफना दिया। मामले में चिकित्साधिकारी डाक्टर बिजेंद्र सिंह का कहना है कि गर्भवती महिला की हालत बहुत हीं नाजुक थी, इसलिए महिला को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया था। रेफर करने में कोई देरी नहीं की गई थी।