अल्प और अति वर्षा की स्थिति में भी होता है सोयाबीन का बेहतर उत्पादन

Bulletin 2020-07-19

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शाजापुर। मौसम की अनिश्चितता के बाद भी सोयाबीन का उत्पादन प्रभावित ना हो, इसके लिए जिले के किसान रेज्ड बेड पद्धति से खेती कर रहे हैं। इसका नतीजा यह रहा कि जिन किसानों ने इस उन्न्तशील तकनीक को अपनाया, उनके यहां कम और ज्यादा दोनों ही तरह की बारिश में सोयाबीन की बेहतर पैदावार हुई। किसानों को इस पद्धति के लिए जागरुक करने वाले कृषि विज्ञान केंद्र शाजापुर के वैज्ञानिक डॉ. एसएस धाकड़ को राष्ट्रीय सेमीनार में सम्मानित भी किया गया है। क्षेत्र में किसी साल अल्प बारिश, तो कभी अतिवृष्टि होती है। ऐसे में प्रकृति की बेरुखी को देख शाजापुर के कई किसानों ने कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर समय के साथ खुद को बदला और विपरित मौसम में भी बेहतर उत्पादन करने का कमाल कर दिखाया। हर साल रेज्ड बेड पद्घति से फसल बुआई करने वाले किसानों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों को रेज्डबेड बुआई के लिए प्रशिक्षित भी किया जा जाता है। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस धाकड़ के अनुसार इस वर्ष भी करीब 10 हजार हेक्टेयर में किसानों ने रेज्ड बेड पद्धति से सोयाबीन की बुआई की है, जिसके परिणाम आने वाले दिनों में सामने होंगे।  

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