अयोध्या. 101 ईसा पूर्व उज्जैन के महाराजा विक्रमादित्य ने उजड़ चुकी रामकालीन अयोध्या को फिर से बसाया था। तब की अयोध्या पांच कोस में फैली थी। अब 21वीं सदी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर से रामनगरी का कायाकल्प करने जा रहे हैं। नव्य अयोध्या के नाम से मार्डन सिटी की परिकल्पना योगी आदित्यनाथ ने की है। यह विक्रमादित्य की अयोध्या से कम से कम 17 गुना बड़ी होगी। यानी इसका क्षेत्रफल चौरासी कोस में होगा। नव्य अयोध्या वह सब कुछ होगा जैसा रामायण काल में वर्णित है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री 5 अगस्त को देश को नव्य अयोध्या की सौगात दे सकते हैं। उद्योगपति मुकेश अंबानी और गुजरात के व्यवसायी गौतम अडानी भी इस मौके पर अयोध्या के विकास की घोषणा कर सकते हैं।
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केंद्रीय पयर्टन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल अयोध्या का दौरा कर चुके हैं। उनकी सीएम योगी से भी बातचीत हो चुकी है। अयोध्या विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की योजनाओं को भी उन्होंने देख लिया है। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर ही अयोध्या दौरे पर आए थे। अब वह अपनी रिपोर्ट पीएमओ को देंगे। माना जा रहा है कि भव्य मंदिर की नींव रखने के साथ ही प्रधानमंत्री अयोध्या की आध्यात्मिक चौरासी कोस की परिधि तक नयी अयोध्या के विस्तार की भी एलान करेंगे। इसके तहत निम्न कार्य प्रस्तावित हैं-
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-रामकोट स्थित श्रीरामजन्मभूमि से दो किलोमीटर की परिधि में पौने दो सौ जर्जर पौराणिक स्थलों का पुनरुद्धार
-चौरासी कोसी परिधि में आने वाले बस्ती जिले के पुत्रेष्टि यज्ञ स्थल मखधाम मखौड़ा से लेकर, दशरथ समाधि स्थल, भरतकुंड, श्रृंगी ऋषि आश्रम आदि करीब 50 रामायण कालीन पौराणिक स्थलों का पुनरुद्धार
्र-पर्यटकों की सुविधा के लिए 84 कोसी परिक्रमा मार्ग फोरलेन बनाने की घोषणा
-गुजरात में पूज्यनीय भगवान स्वामीनारायण की जन्मस्थली अयोध्या से करीब 40 किमी दूर गोंडा जिले के छपिया में है, उसे अयोध्या से जोडऩे के लिए संपर्क मार्ग
-गोंडा के नवाबगंज नगरपालिका समेत 62 गांवों को अयोध्या विकास प्राधिकरण में शामिल करने का प्रस्ताव
-छपिया से अयोध्या तक कॉरिडोर बनाने के साथ श्रद्धालुओं की सुख सुविधाएं और रिहायशी कालोनियां विकसित करने की योजना
- इस काम में उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी मददगार होंगे
-138 गुना बढ़ेगा अयोध्या विकास प्राधिकरण का दायरा
-पयर्टन के मद्देनजर अयोध्या विकास प्राधिकरण का दायरा 6325.24 हेक्टेयर से बढ़ाकर
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इस तरह हुआ था अयोध्या का पुर्नरूद्धार
जनश्रुति है कि ईसापूर्व सौ वर्ष महाराजा विक्रमादित्य के बड़े भाई भर्तृहरि ने जब राज्य छोड़कर सन्यास लिया और गुरू गोरखनाथ महाराज के शिष्य बने। तब उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य अयोध्या रामदर्शन के लिए थे। समूची अयोध्या तब ध्वस्त पड़ी है। इसके बाद उन्होंने सरयू नदी के लक्ष्मणघाट से नापकर रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण करने वाले राम के पुत्र महाराज कुश द्वारा बनवाई गई हवेली को खोज करवाई। यहीं श्रीराममंदिर बनायी गयी। और पांच कोस में 360 मंदिरों का निर्माण कर नई अयोध्या बसाई थी।