इटावा। सपा सरकार में बने भदावरी एवं जमुनापारी बकरी प्रजनन को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपए लगाकर कई एकड़ जमीन में प्रजनन प्रक्षेत्र का निर्माण किया गया था। जहां आज कुल 64 जमुनापारी पशु और 167 भदावरी पशु को संरक्षित किया जा रहा है। जहां जमुनापारी पशुओं और भदावरी पशुओं के खानपान की व्यवस्था के नाम पर पिछले वर्ष का बजट पच्चीस लाख रुपए डॉक्टर देवेश कुमार सक्सेना ने बताया। जिसमें पशुओं को भूसा हरा चारा दलिया को खिलाने के लिए लाखों रुपए का बजट हर वर्ष सरकार से लिया जाता है जिसमें पशुओं को खाने के लिए सूखा भूसा खिलाकर चारा घोटाला जैसी स्थिति दिखाई दी। वही कई भदावरी पशु कमजोर दिखाई पड़े और जमुनापारी पशुओं की स्थिति को देखकर ऐसा प्रतीत हुआ जैसे कि यह कुपोषित हो। जब इस पूरे मामले पर डॉ देवेश कुमार सक्सेना से बात की गई तो उन्होंने अपनी सफाई देते हुए बताया कि पशुओं को भूसा के साथ दाना और हरा चारा पर्याप्त मात्रा में दिया जाता है लेकिन जब जमुनापारी पशुओं की कमजोरी के बारे में पूछा तो उन्होंने जोनेट डिसीज नामक बीमारी से ग्रसित बताया जिसका किसी भी तरह का कोई भी इलाज यहां उपलब्ध नहीं है ऐसे पशुओं को नीलाम कर दिया जाता है। वही भदावरी भैंसों के दूध के बारे में पूछा गया तो 3 से 4 लीटर प्रति दिन एक भैंस का साल का बताया।