उन्नाव में पंचायत चुनाव के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी का टिकट बीजेपी ने काट दिया है। इस पर बेटी ऐश्वर्या ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर पूछा है कि क्या एक औरत की योग्यता किसी की बीवी या बहन होने से कम हो जाती है? वीडियो में ऐश्वर्या कहती हैं, 'नमस्कार, मेरा नाम क्या है इससे शायद अब फर्क ही नहीं पड़ता, लेकिन मेरा सरनेम सेंगर हैं। पिछले तीन साल से मेरे परिवार पर अन्याय पर अन्याय किया जा रहा है। मेरी मां संगीता सिंह सेंगर पिछले 15 वर्षों से उन्नाव में जिला पंचायत सदस्य हैं। सक्रिय राजनीति का हिस्सा रही हैं। ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपना हर दायित्व निभाती आ रही हैं। इसी कारण सभी सदस्यों द्वारा उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष भी चुना गया। आज एक महिला नेता की योग्यता, उनका अनुभव, उनकी मेहनत को ताक पर रख दिया गया।' ऐश्वर्या आगे कहती हैं कि इस देश में महिलाओं के लिए आरक्षण तो तय कर दिया गया है, लेकिन जब वो चुनाव के लिए आगे आती हैं तो उनके पिता और पति कौन हैं, ये क्यों महत्वपूर्ण हो जाता है? क्या एक औरत की योग्यता किसी की बीवी या बहन होने से कम हो जाती है? उसकी खुद की कोई पहचान नहीं?