If you are not able to perform Pind Daan, Tarpan, Brahmin Bhoj etc. during the 16-day Shradh, then you can do this on Sarva Pitru Amavasya. If even these karma cannot be done, then you must do Panchbali karma because with this your ancestors are satisfied. Panchbali Sankalp: After the food is ready, take water, intact, flowers, sandalwood in a plate by serving all kinds of food at 5 places and make the following resolution. In this, instead of Amuk, pronounce your gotra and name - Adyamuk Gotra Amuk Varma (Gupta, Kumar, Suryavanshi etc.) Ahamukgotrasya Mam Pituh (Matuh Bhratuh Pitamahasya Va) Annual Shradhe (Mahalay Shradhe) Kritasya Pakasya Shuddyartham Panchasunagenit Dosha Pariharantham Karish Baliye. Now leave the water.Panchbali Karma: 1. Gobali, 2. Shwanbali, 3. Kakabali, 4. Devadibali and the fifth Pipilika Dibali.
यदि आप 16 दिन के श्राद्ध में पिंडदान, तर्पण, ब्राह्मण भोज आदि कर्म नहीं कर पाएं हैं तो सर्वपितृ अमावस्या पर ये कर्म कर सकते हैं। यदि यह कर्म भी नहीं कर सकते हैं तो आपको पंचबलि कर्म जरूर करना चाहिए क्योंकि इसी से आपके पितृ तृप्त होते हैं। पंचबलि संकल्प : भोजन तैयार होने पर एक थाली में 5 जगह थोड़े-थोड़े सभी प्रकार के भोजन परोसकर हाथ में जल, अक्षत, पुष्प, चन्दन लेकर निम्नलिखित संकल्प करें। इसमें अमुक की जगह अपने गोत्र और नाम का उच्चारण करें- अद्यामुक गोत्र अमुक वर्मा (गुप्ता, कुमार, सूर्यवंशी आदि) अहममुकगोत्रस्य मम पितुः (मातुः भ्रातुः पितामहस्य वा) वार्षिक श्राद्धे (महालय श्राद्धे) कृतस्य पाकस्य शुद्ध्यर्थं पंचसूनाजनित दोष परिहारार्थं च पंचबलिदानं करिश्ये।.. अब जल छोड़ दीजिये।पंचबलि कर्म : 1.गोबलि, 2.श्वानबलि, 3.काकबलि, 4.देवादिबलि और पांचवां पिपीलिकादिबलि ।
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