On the new moon day of Jyeshtha month, married women keep the fast of Vat Savitri. By the way, in some parts of the country, there is a tradition of observing Vat Savitri fast even on the day of Jyestha Purnima, which is popular with different beliefs. The most important two things are considered in this fast, one is the tree of Vat, which is worshiped and circumambulated in this fast and the other is the black gram which is kept in the form of Prasad. There is an interesting story behind why black gram is important in this fast. This secret is also hidden in this story that the person observing Vat Savitri fast should not eat black gram himself.
ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं। वैसे देश के कुछ भागों में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भी वट सावित्री व्रत रखने की परंपरा है जो अलग-अलग मतों से प्रचलित है। इस व्रत में सबसे महत्वपूर्ण दो चीजों को माना जाता है एक तो वट का वृक्ष जिसकी इस व्रत में पूजा और परिक्रमा की जाती है और दूसरा काला चना जिसे प्रसाद रूप में रखा जाता है। इस व्रत में काला चना क्यों महत्वपूर्ण है इसके पीछे एक रोचक कहानी है। इसी कहानी में यह रहस्य भी छुपा है कि वट सावित्री व्रत रखने वाले को स्वयं काले चने नहीं खाना चाहिए।
#VatSavitriVrat2022