Adhik Maas 2023: अधिक मास में क्या करना चाहिए क्या नहीं | Adhik Maas Me Kya Karna Chahiye Kya Nahi

Boldsky 2023-07-17

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भारतीय हिंदू कैलेंडर सूर्य मास और चंद्र मास की गणना के अनुसार चलता है. अधिकमास चंद्र वर्ष का एक अतिरिक्त भाग है, जो हर 32 माह, 16 दिन और 8 घंटे के अंतर से आता है. सूर्य वर्ष और चंद्र वर्ष के बीच अंतर का संतुलन बनाने के लिए इसका आगमन होता है. प्रत्येक सूर्य वर्ष 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता है, वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों होता है. दोनों वर्षों के बीच लगभग 11 दिनों का अंतर होता है, जो हर तीन वर्ष में लगभग 1 मास के बराबर हो जाता है. इसी अंतर को पाटने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास अस्तित्व में आता है. इसे ही अधिक मास कहते हैं. वीडियो में देखें अधिक मास 2023: अधिक मास में क्या करना चाहिए क्या नहीं ?

The Indian Hindu calendar runs according to the calculation of Surya Maas and Chandra Maas. Adhikamas is an additional part of the lunar year, which comes every 32 months, with a difference of 16 days and 8 hours. It arrives to balance the difference between the solar year and the lunar year. Each solar year is of 365 days and about 6 hours, while the lunar year is of 354 days. There is a difference of about 11 days between the two years, which becomes equal to about 1 month every three years. To bridge this gap, a lunar month comes into existence every three years. This is called Adhik Maas.Watch Video and Know Adhik Maas 2023: Adhik Maas Me Kya Karna Chahiye Kya Nahi ?

#AdhikMaas2023
~HT.178~PR.111~ED.117~

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