इस साल अजा एकादशी व्रत रवि पुष्य योग में 10 सितंबर दिन रविवार को है. अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु या फिर भगवान ऋषिकेष की पूजा करते हैं और नियमपूर्वक व्रत करते हैं. धर्मराज युधिष्ठिर ने भगवान श्रीकृष्ण से भाद्रपद कृष्ण एकादशी व्रत के महत्व और पूजा विधि के बारे में बताने का निवेदन किया. तब श्रीकृष्ण ने बताया कि यह अजा एकादशी के नाम से लोकप्रिय है. इस व्रत को करने से सभी पाप नष्ट होते हैं. व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है. मृत्यु के बाद व्यक्ति को वैकुंठ में स्थान मिलता है. अजा एकादशी व्रत की कथा कुछ इस प्रकार से है—
This year, Aja Ekadashi fast is on Sunday, September 10 in Ravi Pushya Yoga. The fast of Aja Ekadashi is observed on the Ekadashi date of Krishna Paksha of Bhadrapada month. On this day Lord Shri Hari Vishnu or Lord Rishikesh is worshiped and fast is observed regularly. Dharmaraj Yudhishthir requested Lord Krishna to tell about the importance of Bhadrapada Krishna Ekadashi fast and the method of worship. Then Shri Krishna told that it is popularly known as Aja Ekadashi. By observing this fast all sins are destroyed. A person gets virtue like performing Ashwamedha Yagya. After death a person gets a place in Vaikuntha. The story of Aja Ekadashi fast is like this-
#AjaEkadashi2023
~HT.97~PR.111~ED.117~