शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू हो रही है। नवरात्रि में कलश स्थापना का अत्यधिक महत्व है, लेकिन इसके नियम भी हैं। आध्यात्मिक गुरु पवन सिन्हा 'गुरुजी' ने बताया कि कलश मिट्टी अथवा धातु का होना चाहिए। उसमें जल भरना है। नारियल को सीधा रखना चाहिए, यानी नारियल की आंखें ऊपर रहें। नारियल जल में भीगा रहना चाहिए। अखंड ज्योति जलती रहनी चाहिए। कलश में खेत्री बोनी चाहिए। ये तीन काम करने से लाभ अवश्य मिलता है।
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