आर्थिक राजधानी इंदौर में आज एक बार फिर जिला अभिभाषक हड़ताल पर है। वकीलों की हड़ताल की वजह से जहां जिला कोर्ट पहुंचने वाले पक्षकारों को परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई भी हड़ताल की वजह से टल गई। दरअसल इंदौर जिला न्यायालय के नवीन भवन के लिए पिपलियाहाना तालाब के समीप जगह चिन्हित कर काम शुरू किया जा चुका है, लेकिन अभिभाषक इस जगह का विरोध कर रहे हैं। अभिभाषक संघ का कहना है कि जिला न्यायालय के लिए शहर में ही खाली पड़े किसी स्थान को चिन्हित किया जाना चाहिए। अभिभाषकों का आरोप है कि सरकार अपने फायदे के लिए पीपल्याहाना तालाब की सीमा को घटाकर जिला न्यायालय के नवीन भवन का निर्माण एनजीटी के आदेश की अवहेलना कर करवा रही है। पीपल्याहाना तालाब परिसर में नवीन भवन के निर्माण से जहां क्षेत्रीय लोगों को पानी की समस्या से जूझना पड़ेगा, वही मौजूदा स्थान से न्यायालय की दूरी अधिक होने से अभिभाषकों को और पक्षकारों को परेशानी का सामना भी करना पड़ेगा। अभिभाषक संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार वकीलों की भावना का मजाक उड़ा रही है, यदि इस बारे में गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो अभिभाषक रहवासियों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।