क्या आप जानते हैं कि सबसे पहले कोरोना वायरस की पहचान किसने की। नहीं न। तो हम आपको बता दें कि इसकी पहचान एक महिला चिकित्सक ने की जो कि वुहान के श्वांस रोग और उपचार केंद्र की निदेशक हैं। जी हां बात कर रहे हैं डॉक्टर जहांग जियांग की। उन्होंने बताया कि26दिसंबर की सुबह वुहान की54साल की रेस्पिरेटरी एक्सपर्ट जहांग जियांग ने नए तरह के फ्लू कोरोनावायरस से ग्रसित कुल7लोगों का परीक्षण किया। इनमें एक चीज कॉमन थी वो ये कि इन सभी लोगों में फेंफड़ों का एक्स रे करने पर निमोनिया से पीड़ित होने के लक्षण पाए गए.अगले दिन इस तरह के और मरीज डॉक्टर जियांग के पास आए.
#HIVConnectionWithCoronaजियांग को एक बात बड़ी अजीब लगी कि उसी परिवार के ही और सदस्यों को ये बीमारी शिकार बना रही थी.जिससे ये बात साफ हो गई थी कि ये नई बीमारी फैलने वाली बीमारी है.उन्होंने बताया कि आम तौर पर जब कोई रोगी परिवार का एक सदस्य होता है.एक साथ एक परिवार के3-4सदस्य बीमार नहीं पड़ते.ये तभी होता है जब कोई रोग संपर्क में आने से फैले.मतलब फैलने वाला रोग हो.पहले7रोगियों में से4में एक और बात कॉमन थी वो थी चारों का वास्ता हुआन सीफूड और मीट मार्केट से था.जियांग ऐसी पहली डॉक्टर बनी जिन्होंने कोरोनावायरस के रोग की तफ्तीश शुरू की.इसी रोग से दुनियाभर में अगले5हफ्तों में करीब300लोगों की मौत हुई और14000से ज्यादा लोगों इससे प्रभावित हुए.एक महीने बाद जियांग चीन में हीरो बन गईं।#Coronavirusoutbreak #Corona_Virusजियांग हुबेई के प्रोवेंशियल अस्ताल में रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल केयर डिपार्टमेंट में डायरेक्टर हैं.वो सौम्य स्वभाव की बताई जाती हैं.जियांग ने जानलेवा बीमारी कोरोनावायरस पर बात करते हुए कहा- ‘ये एक ऐसी बीमारी है जिसे हमने पहले कभी नहीं देखा था.इस रोग से ग्रसित4लोग साउथ चाइना सी फूड मार्केट से थे.ये गंभीर बात थी.जो भी7लोग इस नई बीमारी की चपेट में आए थे उनके फेंफड़ो की जांच करने पर एक ही तरह की रिपोर्ट आ रही थी अब रोग की तीव्रता में फर्क था.’
#china #hospitalinchina #wuhan #Coronavirusalert #advisory #coronavirus #symptoms #CoronavirusCasesinIndia #China #Philippines #WHO #NHCजियांग ने बताया कि ये तय हो गया था कि ये7केस जिनको निमोनिया हुआ थो ये गंभीर कोरोनावायरस के शुरुआती रोगी थे.लेकिन इसके बाद बीमारी फैलती गई.अस्पताल में आइसोलेशन बिस्तरों की कमी पड़ने लगी.इसके बाद अलग-अलग अस्पतालों से एक्सपर्ट्स की टीम तैयार हुई और उन्होंने मिलकर कोरोनावायरस पर काम करना शुरू किया.कोरोनावायरस मिलने के पहले केस के बाद ही डॉक्टर जियांग ने रेस्पिरेटरी डिपार्टमेंट के पूरे स्टाफ कोN95मास्क पहने के निर्देश दिए.उन्होंने बताया कि'जब हम रोगियों के कक्ष में पहुंचते थे तो हमेशाN95मास्क पहनते थे.'इसके बाद और भी सतर्कता बरती गई.कोरोनावायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं.