निर्भया कांड के चार दोषियों को22जनवरी को सुबह सात बजे फांसी की सजा दी जानी है। इसके लिए तिहाड़ जेल में तैयारियां भी पूरी की जा चुकी हैं। इस बीच जेल सुधार के लिए काम करने वाली एक संस्था ने इन दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाए जाने के पहले इन्हें गरुण पुराण सुनाये जाने की मांग की है। इस संस्था का कहना है कि है कि हिन्दू धार्मिक परम्परा में माना जाता है कि मृत्यु से पूर्व गरुण पुराण सुनने से लोग मृत्यु के लिए स्वयं को मानसिक रूप से तैयार कर पाते हैं। मौत के समय कष्ट कम होता है और करने के बाद सद्गति मिलती है। संस्था ने इसके लिए तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिखकर दोषियों को गरुण पुराण सुनाये जाने की अनुमति देने का निवेदन किया है।