जसवंतनगर गल्ला मंडी में क्रय केंद्रो पर गेहूं खरीद गत 15 अप्रैल से अव्यवस्थाओं के बीच शुरू की गई थी। लॉकडाउन के चक्कर में एक ओर जहां किसान अपनी फसल बेचने को नहीं निकले तो वहीं केंद्र प्रभारियों ने भी किसानों को प्रोत्साहित करने का कोई काम नहीं किया। जसवंतनगर मंडी में गेहूं क्रय केंद्रों पर अवस्थाएं बनी हुई है। यही वजह है कि गल्ला मंडी के 3 केंद्रों में 2 पर महज करीब 43 कुंतल गेहूं की खरीद हो सकी है। 1 केंद्र पीसीएस पर कांटा बांट की कोई व्यवस्था न होने से बौनी भी नही हुई। गेहूं खरीद केंद्रों की आज छठवें दिन निगरानी को लेकर भी कोई बंदोबस्त नहीं किए गए। इससे जो लक्ष्य दिया गया है उस पर भी असर पड़ सकता है। लॉक डाउन के बीच गत बुधवार से गेहूूं खरीद शुरू हुई। गेहूं खरीद को लेकर शासन की ओर से गाइड लाइन भी जारी की गई। मगर इस गाइड लाइन को लेकर मजबूती के साथ कोई काम नहीं किया गया। खरीद के पहले दिन केंद्र प्रभारियों को किसानों से मिलकर गेहूं बेचने को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए गए थे। इस पर केंद्र प्रभारियों ने कोई काम नहीं किया। इस की वजह से केंद्र प्रभारी जरूर केंद्रों पर बैठे। मगर किसानों की सहूलियत को लेकर केंद्रों पर कोई इंतजाम नहीं थे। पीसीएफ केंद्र प्रभारी दुर्विजय सिंह मौजूद नही होने पर किसानों को सही जानकारी देने वाला भी नहीं था। शाखा विपरण के पर दूसरे दिन करीब 27 कुंतल व राज्य कर्मचारी निगम केंद्र पर 16 कुंतल आवक छः दिन के बीच मशक्कत के बाद सिर्फ 43 कुंतल ही गेहूं की खरीद हो सकी है। कई केंद्रों पर किसानों की सहूलियत के लिए न तो पानी का इंतजाम था और न ही बैठने का बंदोबस्त। मंडी स्थित केंद्र पर किसानों के पंजीकरण की कोई व्यवस्था नहीं है।