कोरोना संक्रमण के दौर में राजस्थान में राजनीति परवान पर है .राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस ने यह आरोप लगाकर सबको चौका दिया कि भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवारों के पक्ष में वोट देने के लिए कांग्रेस के और निर्दलीय विधायकों को मोटी धनराशि का लालच दे रही है. हालांकि भाजपा ने तुरंत इसका पुरजोर खंडन किया और कांग्रेस पर ही अपने विधायकों को एकजुट न रख सकने का आरोप लगा दिया. नेताओं पर वोट के बदले नोट लेने का आरोप नया नहीं है. पहले भी जब सरकारों को समर्थन की जरूरत पड़ी है तो विभिन्न पार्टियों के नेताओं पर इस तरह के आरोप लगते रहे हैं. भ्रष्ट राजनीति के इस दौर में स्वच्छ छवि वाले नेता बड़ी मुश्किल से मिलते हैं और अक्सर भ्रष्टों के समूह में अलग पड़ जाते हैं .हालांकि उनकी ईमानदारी भी चर्चा का विषय बनती है , और भ्रष्ट लोग उन्हें गलत काम करने के लिए कहने का साहस नहीं कर पाते.देखिये इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट सुधाकर का नज़रिया.