मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधान सभा क्षेत्र में लॉकडाउन के बावजूद भी रेत का अवैध परिवहन जोरों पर है। क्योंकि नसरुल्लागंज तहसील मैं बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए स्थानीय प्रशासन एवं जिला प्रशासन द्वारा 22 जुलाई से लेकर 27 जुलाई तक नसरुल्लागंज तहसील के राजस्व सीमा मैं लॉकडाउन के आदेश जारी किए हैं जिससे क्षेत्र में तमाम आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी बंद रहेगा। इसके अलावा भी एनजीटी की रोक के बाबजूद भी नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन जारी है, कश्तियों के द्वारा बीच नर्मदा से रेत निकाली जा रही है एवं ट्रालियों के माध्यम से छीपानेर से नारायणपुरा होते हुए। देवास जा रही है, वही सड़क पर रेत डालकर जेसीबी के माध्यम से गाडियां में भरी जा रही है, जिससे ग्रामीण सहित राहगीर भी परेशान हो रहे है। लेकिन इन पर किसी आदेश का कोई असर देखने को नहीं मिला। जब इस संबंध में जिला खनिज अधिकारी राजेन्द्र परमार से दूरभाष पर संपर्क कर अवैध परिवहन और रेत के अवैध स्टक पर सवाल किया तो साहब सिर्फ यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिए कि हम कार्यवाही करेंगे स्टाक को सील कर सम्बन्धित के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी। मजे की बात यह है कि आज छिपानेर के बाज़ार पर भी नसरुल्लागंज लॉक डाउन का कोई असर नही दिख। ग्रामीणों का यह कहना है कि हमें लाक डाउन की कोई जानकर नहीं है। से तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के ऊपर यह सवालिया निशान लगता है कि क्या छिपानेर नसरुल्लागंज की सीमा से बाहर है जो वहां का मार्केट आज भी खुला हुआ है।