Nirbhaya Case Latest Update Nirbhaya से दरिंदगी करने वाले दोषी Mukesh का शारीरिक शोषण!

Patrika 2020-04-08

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16 दिसंबर 2012 में अकेली पाकर निर्भया के साथ वीभत्स दरिंदगी करने वाले दोषी मुकेश कुमार सिंह का तिहाड़ जेल में शारीरिक शोषण हो गया है। निर्भया मामले में मौत की सजा पाने वाले मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई मुकेश ने तिहाड़ जेल प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया है। मुकेश कुमार सिंह का आरोप है कि तिहाड़ जेल में उसका यौनशोषण हुआ है और उसे निर्भया केस के अन्य दोषी अक्षय के साथ सबके सामने शारीरिक संबंध बनाने तक के लिए कहा गया।

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तिहाड़ जेल में जब से वह लाया गया है उसी दिन से ही लगातार मारा पीटा जा रहा है और पांच साल से वह डर से सो नहीं पाया है। जब भी वह सोता है तो उसे मौत के और पिटाई के सपने आते हैं। मुकेश कुमार सिंह की तरफ से वकील अंजना प्रकाश, रिबेका जॉन और वृंदा ग्रोवर ने तिहाड़ प्रशासन पर यह बड़े आरोप लगाए। गौरतलब है कि मुकेश कुमार सिंह ने दया याचिका खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय में इसे चुनौती दी है। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ सुनवाई कर रही है।

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मुकेश की वकील ने उसकी तरफ से कहा कि अदालत ने मुझे मौत की सजा दी थी... पर क्या मेरा रेप होने की भी सजा दी थी? वकील ने अदालत को बताया कि जेल में जब सब देख रहे थे तब मुकेश का अपमान किया गया। उसे पहले दिन से ही बुरी तरह पीटा गया। अक्षय के साथ सबके सामने शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। इस दौरान जेल प्रशासन सारी चीजें सिर्फ देखता रहा।मुकेश के वकील उसकी तरफ से आगे कहा कि उसके एक सह कैदी की हत्या कर दी गई। मैं पिछले पांच साल से सो नहीं पाया हूं। जब मैं सोने की कोशिश करता हूं तो मुझे मरने और पीटे जाने के सपने आते हैं।

इसे लेकर एसजी तुषार मेहना ने कहा कि ने मुकेश द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप पर कहा कि उसका यौन शोषण हुआ या फिर जेल में उसके साथ बुरा बर्ताव हुआ यह बात दया पाने के लिए कोई वजह नहीं हो सकती। अगर जेल में बुरा बर्ताव हुआ है तो उसका मामला अलग फोरम पर उठाया जा सकता है। एसजी ने कहा कि अगर यह मान भी लिया जाए कि दोषी के साथ जेल में बुरा बर्ताव हुआ था तो यह दया पाने का आधार नहीं हो सकता। एसजी ने निर्भया गैंगरेप की भयावह डिटेल दी। यह कोई लक्जरी क्षेत्राधिकार नहीं है कि हालांकि मैं इस जघन्य अपराध का दोषी हूं, क्योंकि मेरे साथ बुरा व्यवहार किया गया था, मुझे दया दी जानी चाहिए।

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