िर्भया के दोषियों को 20 मार्च को फांसी देने की तारीख एक फिर से मुकर्रर कर दी गई है लेकिन यक्ष प्रश्न अब भी वही बना हुआ है कि क्या निर्भया के साथ गैंग रेप की वारदात को अंजाम देने वालों को फांसी होगी या एक बार फिर से अदालत तारीख पर तारीख दे देगी। दोषियों के वकील एपी सिंह की नई चाल से मामला एक बार फिर से अटकता हुआ दिखाई दे रहा हैं। दोषियों के वकील ए पी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को पत्र लिखकर 20 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक की मांग की गई है। दरअसल दोषियों के वकील एपी सिंह ने इनकी सजा का कम करने और फांसी की सजा को टालने के लिए हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। यह वही अदालत है जहां भारत-पाकिस्तान के बीच कुलभूषण को लेकर मुकदमा चला। यहां किसी भी देश के मानवाधिकार का मुकदमा चलता है। यहां वह हर मुकदमा चलता है,जिसके स्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित करने की आवश्यकता हो। ऐसे में निर्भया गैंगरेप के दोषी फांसी के खिलाफ अब अंतरराष्ट्रीय अदालत (ICJ) की शरण में पहुंचे हैं. दोषियों के वकील ए पी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को पत्र लिखा है। पत्र में 20 मार्च की होने वाली फांसी पर रोक की मांग की गई है. इसके साथ ही मांग की है कि निचली अदालत के सभी रिकॉर्ड अदालत अपने पास मंगाए ताकि वो अपना पक्ष अंतरराष्ट्रीय अदालत में रख सके. पत्र नीदरलैंड के दूतावास को दिया गया है जो ICJ को भेजा गया। आपको बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह 5.30 बजे फांसी देने का डेथ वारंट जारी किया है. दोषियों के खिलाफ यह चौथी बार डेथ वारंट जारी किया गया है. इससे पहले निर्भया के दोषी कानूनी दांव-पेंच का सहारा लेकर तीन बार फांसी की तारीख टलवाने में सफल रहे थे. पटियाला हाउसकोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने डेथ वारंट जारी करते हुए कहा था कि दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे फांसी दी जाएगी।