सवा सात साल का इंतजार केवल निर्भया की मां और उसके परिवार के लिए ही लंबा नहीं था...बल्कि ये घड़ियां उस शख्स के लिए भी बड़ी कठिन रहीं जो कदम-दर-कदम इस केस के साथ चली...कोर्ट से लेकर हर मोर्चे पर उस मां और उसके परिवार के साथ खड़ी रही। चाहे कोर्ट में निर्भया का पक्ष रखना हो...या हर तारीख पर बिखरती निर्भया की मां को संभालना हो...वो उनके साथ हर कदम पर साथ देती रही। ये शख्स और कोई नहीं बल्कि सीमा कुशवाहा हैं जिन्होंने अपने करियर का पहला और सबसे मुश्किल यानि देश का रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस लड़ा। बताया जा रहा है कि पूरा केस सीमा कुशवाहा ने बिना एक पैसा लिए लड़ा है। निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने गुनहगारों को बचाने के लिए हर दांव अपनाया। लेकिन सीमा कुशवाहा भी हर दांव का जवाब कोर्ट में एपी सिंह को देती हुई आईं और निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक निर्भया के दरिंदों को फांसी दिलाने के लिए लड़ाई लड़ती रहीं। आज कुछ बात इस शख्स की भी...जिसने महिला होने के नाते निर्भया के दर्द को समझा,उसकी मां के आंसू को समझा।